NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

O Universal Lord, each individual morning as being a rule I recite this Chalisa with devotion. You should bless me in order that I might be able to execute my substance and spiritual dreams.

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

O Lord, Any time the Deities humbly sought your support, you kindly shiv chalisa in hindi and graciously uprooted all their Issues. You blessed the Deities with the generous support if the Demon Tarak outraged them and you destroyed him.

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता हैं।

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